सरकारी शिक्षकों की हाजिरी बायोमेट्रिक सिस्टम से होगी

सरकारी शिक्षकों की हाजिरी बायोमेट्रिक सिस्टम से होगी - शिक्षा सत्र 2020-21 से सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की हाजिरी बायोमेट्रिक सिस्टम से ली जाएगी. इससे सरकारी शिक्षकों की लेटलतीफी पर अंकुश लगेगा.

सरकारी शिक्षकों की हाजिरी बायोमेट्रिक सिस्टम से होगी

इसके लिए शिक्षा विभाग पूर्व में तैयार किए गए प्रस्ताव को नए सिरे से बनाने में लगा हुआ है. हालांकि एक जनवरी से इस व्यवस्था को लागू करने का विचार चल रहा है लेकिन मशीनों की खरीद प्रक्रिया व अन्य प्रक्रिया में समय लगने तथा बाद में बोर्ड परीक्षाएँ होने के कारण यह नवाचार एक जुलाई 2020 से लागू हो सकता है.

स्कूलों में बायोमेट्रिक व्यवस्था लागू होने के पश्चात यदि कोई भी शिक्षक लगातार तीन दिन, पाँच मिनट देरी से स्कूल पहुँचेगा, तो मासिक वेतन के हिसाब से उसके वेतन में कटौती की जाएगी.

इतना ही नहीं, विद्यालय समयावधि से 15 मिनट पहले संस्था प्रधान, शिक्षक व अन्य स्टाफ को स्कूल पहुँचना होगा. किसी के नहीं पहुँचने या विलंब से पहुँचने पर जानकारी बायोमेट्रिक मशीन के माध्यम से निदेशालय पहुँच जाएगी.

इन्टरनेट से जुड़ेगी मशीनें

बायोमेट्रिक मशीनों को इन्टरनेट के माध्यम से शिक्षा निदेशालय से जोड़ा जाएगा. सिस्टम दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी प्रधानाचार्य की होगी.

यदि कोई शिकायत मिली तो उन पर आर्थिक जुर्माना लगेगा. हालांकि सेवा नियमों में प्रावधान नहीं है लेकिन नवाचार के साथ इस प्रकार की व्यवस्था करना विभाग सही मान रहा है.

देरी से आने पर कटेगा वेतन

नई व्यवस्था में शिक्षकों के साथ संस्था प्रधानों को भी समय के महत्त्व का पता चल पायेगा. यदि स्कूल आने में देरी हुई तो वेतन कटेगा.

शिक्षा निदेशालय ने सभी शिक्षकों को निर्धारित समय से 15 मिनट पहले स्कूल पहुँचने की हिदायत दे रखी है.

अवकाश का रहेगा प्रावधान

जानकारों की मानें तो बायोमेट्रिक मशीन में स्टाफ के लिए यदि आकस्मिक अवकाश चाहिए तो व्यवस्था की गई है. इस बारे में ऑप्शन दिया गया है, लेकिन उसका कारण व विवरण माह के अंत में लिखित में भेजना होगा.

इतना सब करने के बाद में मशीन को ई-सैलरी सिस्टम से जोड़ने की योजना बनाई जाएगी, ताकि छुट्टियों के अनुरूप मासिक वेतन बिल तैयार हो सकें.

सरकारी शिक्षकों की हाजिरी बायोमेट्रिक सिस्टम से होगी Biometric system for attendance of govt teachers


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