सचिन पायलट का बीजेपी पर बड़ा हमला: किसानों के अपमान का लगाया आरोप

राजनीति के गलियारों में गुरुवार को उस वक्त हलचल मच गई, जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और टोंक से विधायक सचिन पायलट ने एक जनसभा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर सीधा और तीखा हमला बोला। 

उन्होंने न केवल केंद्र सरकार, बल्कि राजस्थान की मौजूदा बीजेपी सरकार को भी कटघरे में खड़ा कर दिया।

यह बयान उन्होंने टोंक में आयोजित विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान दिया।

क्या कहा सचिन पायलट ने?

सचिन पायलट ने अपने भाषण की शुरुआत जनता को संबोधित करते हुए इस बात से की कि आज राजनीति में वादों और हकीकत के बीच बड़ी खाई बन गई है। उन्होंने कहा:

“बीजेपी जो कहती है और जो करती है, उसमें बहुत बड़ा फर्क है। किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा सिर्फ एक नारा बनकर रह गया है।”

BJP’s farmer policies and ground reality.


किसानों की हालत पर चिंता जताई

पायलट ने सरकार के उन वादों की याद दिलाई जो किसानों को लेकर किए गए थे:

"2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी होगी" – यह वादा केंद्र सरकार द्वारा बार-बार दोहराया गया था, लेकिन आज भी किसान कर्ज, महंगाई और प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा है।

"किसान पुत्र को देंगे सम्मान" – पायलट ने कहा कि जब किसान की बात आती है, तो उसे सिर्फ नारों और जुमलों में सम्मान दिया जाता है, लेकिन असल ज़िंदगी में उसके साथ अन्याय और अपमान होता है।


राजस्थान सरकार पर भी उठाए सवाल

सचिन पायलट ने राजस्थान की बीजेपी सरकार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि :- 

राज्य में किसानों के लिए न तो पर्याप्त मुआवज़ा है,

न ही बिजली और सिंचाई की समुचित व्यवस्था है।

युवा बेरोजगार हैं और सरकार सिर्फ जुमलों की राजनीति कर रही है।

राजनीतिक सन्देश

सचिन पायलट का यह बयान न सिर्फ बीजेपी की आलोचना है, बल्कि यह संकेत भी है कि आने वाले चुनावों में कांग्रेस किसानों के मुद्दों को केंद्र में रखेगी। 

पायलट खुद किसान पुत्र हैं और अक्सर ज़मीनी राजनीति की बात करते हैं। यह भाषण उनके राजनीतिक तेवरों और रणनीति दोनों को दर्शाता है।


जनता में मिला समर्थन

इस कार्यक्रम में भारी संख्या में ग्रामीण और किसान वर्ग उपस्थित रहा। 

पायलट के भाषण के दौरान कई बार तालियों की गूंज सुनाई दी, जिससे यह साफ था कि जनता उनके शब्दों से जुड़ाव महसूस कर रही है।

सचिन पायलट ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे सिर्फ नेता नहीं, बल्कि एक जन प्रतिनिधि हैं जो जनता की बात करने से नहीं डरते। 

उन्होंने किसानों के मुद्दों को उठाकर एक बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है – वादों की राजनीति अब नहीं चलेगी, अब ज़मीन पर काम दिखाना होगा।

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि पायलट की यह रणनीति कांग्रेस के लिए आगामी चुनावों में फायदेमंद हो सकती है। 

आने वाले दिनों में वे राज्य भर में ऐसी जनसभाओं के ज़रिए बीजेपी को लगातार घेर सकते हैं।

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