आमेर के रूंडल गांव में करीब 4 घंटे रहा पैंथर का आतंक



एक पैंथर ने सोमवार को सुबह करीब दस बजे आमेर तहसील के रूंडल गांव में हमला कर दिया। हमले में करीब एक दर्जन लोगों को पैंथर ने अपना शिकार बनाया। किसी के हाथ में पैंथर के काटने के निशान है, तो किसी के पेर पर। तीन लोगों को गंभीर स्थिति में यहां सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रोमा में उपचार के लिए लाया गया। इनमें से भी दो की हालत ज्यादा खराब है। दोपहर बाद वन विभाग की टीम ने पैंथर को पकड़कर पिंजरे में कैद कर लिया। तब लोगों ने राहत की सांस ली।
पिछले कई दिनों से क्षेत्र में पैंथर का आतंक था। क्षेत्र के लोगों ने इसकी शिकायत कई बार वन विभग की टीम को भी की थी। सोमवार सुबह करीब 9:30 बजे पैंथर गांव के खेतों में आ गया और छुपकर बैठ गया। गांव के लोग जब सुबह खेत में काम करने निकले तो पैंथर ने कुछ लोगों पर हमला कर दिया। ऐसे में आमेर तहसील के रूंडला गांव के लोगों में अफरा-तफरी मच गई। पैंथर ने कई लोगों को घायल कर दिया। 
मच गई अफरा-तफरी
रूंडल गांव में पैंथर आने से गांव में अफरा-तफरी मच गई। गांव के लोग अपने-अपने घरों को बंद करके बैठ गए। बच्चों को भी बाहर नहीं निकलने दिया। उधर पैंथर के आने की सूचना पर वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पैंथर की तलाश की। काफी देर की मशक्कत के बाद दोपहर बाद वन विभाग की टीम ने पैंथर को पिंजरे में कैद कर दिया। 
खाना खाने की तलाश में आते हैं पैंथर
वन विभाग की टीम ने जब तक क्षेत्र में पैंथर को नहीं पकड़ा तब तक क्षेत्र में दहसत का माहौल बना रहा। वन विभाग की टीम में शामिल कर्मचारियों का कहना है कि खाने की तलाश में पेंथर गांवों में घुस आता है। अगर वह कुछ दिन तक दिखाई नहीं देता तो यही माना जाएगा कि पैंथर अब क्षेत्र से चला गया है। उधर क्षेत्र के लोगों का कहना है कि पिछले महीने में यहां पर पैंथर कई बार दिखाई दिया। इस संबंध में समय -समय पर वन विभाग की टीम को सूचित भी किया जाता रहा है।
घायलों का ज्यादा निकला खून
तीन घायलों को रूंडल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से एसएमएस हॉस्पिटल जयपुर के लिए किया रेफर किया गया। यहां एसएमएस के ट्रोमा सेंटर में तीनों मरीजों का उपचार किया गया। तीन में से दो घायलों  को पैंथर ने ज्यादा काट खाया। ऐसे में उनकी तबीयत ज्यादा खराब है। दोनों घायलों के शरीर से खून को रोकने में डॉक्टरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
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