कैसे होंगे सरकार के सुरक्षा स्टोर्स
कैसे होंगे सरकार के सुरक्षा स्टोर्स - लॉकडाउन में 'सुरक्षा स्टोर्स' से खरीद सकेंगे जरूरत के सामान, यहां जाने इन दुकानों की खासियत
लोगों की आवाजाही से जुड़ी पाबंदियों की समयसीमा बढ़ाए जाने से पहले सरकार की योजना 20 लाख रिटेल दुकानों की चेन स्थापित करने की है। इन दुकानों को 'सुरक्षा स्टोर' का नाम दिया गया है।
ये दुकानें लॉकडाउन से जुड़े नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए लोगों को दैनिक जरूरत का सामान्य उपलब्ध कराएंगी।
इन स्टोर्स पर कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और सेनिटाइजेशन का ख्याल रखा जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि उपभोक्ता मामलों के सचिव पवन कुमार अग्रवाल ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत इस महत्वाकांक्षी योजना को लागू करने के लिए शीर्ष एफएमसीजी कंपनियों के अधिकारियों के साथ बातचीत की है।
हर एफएमसीजी कंपनी को इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए एक या दो राज्यों की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
'सुरक्षा स्टोर' बनने के लिए खुदरा दुकानों को स्वास्थ्य एवं सेफ्टी से जुड़े नियमों का पालन करना होगा। इसके तहत दुकानों के बाहर और बिलिंग काउंटर पर 1.5 मीटर की सोशल डेस्टेंसिंग का पालन करना होगा।
दुकान में प्रवेश से पहले ग्राहकों को सेनिटाइजर या हैंडवॉश के जरिए हाथ साफ करना होगा। इसके अलावा दुकान में काम करने वाले सभी स्टाफ के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
ग्रॉसरी के अलावा कंज्यूमर ड्यूरेबल, कपड़े की दुकान और सैलून को भी सुरक्षा स्टोर के रूप में चिह्नित किया जाएगा।
कैसे होंगे सरकार के सुरक्षा स्टोर्स
Government's Suraksha Stores
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लोगों की आवाजाही से जुड़ी पाबंदियों की समयसीमा बढ़ाए जाने से पहले सरकार की योजना 20 लाख रिटेल दुकानों की चेन स्थापित करने की है। इन दुकानों को 'सुरक्षा स्टोर' का नाम दिया गया है।
ये दुकानें लॉकडाउन से जुड़े नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए लोगों को दैनिक जरूरत का सामान्य उपलब्ध कराएंगी।
इस बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि 'सुरक्षा स्टोर्स' नामक इस पहल के बाद आपके पड़ोस के किराना दुकान को सेनिटाइज किया जाएगा और सुरक्षा स्टोर के रूप में तब्दील किया जाएगा।
इन स्टोर्स पर कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और सेनिटाइजेशन का ख्याल रखा जाएगा।
सरकार निजी कंपनियों के जरिए इस योजना को लागू करेगी। इस स्कीम के तहत मैन्युफैक्टरिंग यूनिट से लेकर रिटेल आउटलेट तक के पूरे सप्लाई चेन के दौरान कोरोनावायरस के प्रसार से बचाव के उपायों को लागू किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि उपभोक्ता मामलों के सचिव पवन कुमार अग्रवाल ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत इस महत्वाकांक्षी योजना को लागू करने के लिए शीर्ष एफएमसीजी कंपनियों के अधिकारियों के साथ बातचीत की है।
सरकार का लक्ष्य अगले 45 दिन में 20 लाख रिटेल दुकानों को 'सुरक्षा स्टोर' के रूप में चिह्नित करने की है।
हर एफएमसीजी कंपनी को इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए एक या दो राज्यों की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
इस बारे में संपर्क किए जाने पर अग्रवाल ने कहा कि सरकार 'सुरक्षा स्टोर' नामक पहल पर काम कर रही है। हालांकि, उन्होंने और विवरण देने से इनकार कर दिया।
'सुरक्षा स्टोर' बनने के लिए खुदरा दुकानों को स्वास्थ्य एवं सेफ्टी से जुड़े नियमों का पालन करना होगा। इसके तहत दुकानों के बाहर और बिलिंग काउंटर पर 1.5 मीटर की सोशल डेस्टेंसिंग का पालन करना होगा।
दुकान में प्रवेश से पहले ग्राहकों को सेनिटाइजर या हैंडवॉश के जरिए हाथ साफ करना होगा। इसके अलावा दुकान में काम करने वाले सभी स्टाफ के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
साथ ही ज्यादा दुकान के ज्यादा टच होने वाले पार्ट को दिन में दो बार साफ करना होगा।
ग्रॉसरी के अलावा कंज्यूमर ड्यूरेबल, कपड़े की दुकान और सैलून को भी सुरक्षा स्टोर के रूप में चिह्नित किया जाएगा।
कैसे होंगे सरकार के सुरक्षा स्टोर्स
Government's Suraksha Stores
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